गूगल की गलतियां ढूंढकर अमन पांडे बने करोड़पति, आज चला रहे हैं मिलियन डॉलर की कंपनी… 

किसी के भी काम में गलती निकालना बड़ा आसान होता है। अक्सर हमने देखा और सुना है कि जो लोग दूसरों के कामों में गलती निकालते हैं वो कभी कोई काम खुद ढंग से कर ही नहीं पाते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) इंदौर (Indore) के अमन पांडे (Aman Pandey) ने इस बात को गलत साबित कर दिया है।

अमन ने किसी आम व्यक्ति के काम में गलतियां नहीं निकाली बल्कि विश्व की प्रख्यात कंपनियां जैसे गूगल (Google), सैमसंग और एप्पल सहित कई और कपंनियों के कामों में गलतियां निकानी हैं। अमन ने अपने इस सफर की शुरूआत 2019 में गूगल की एक गलती पकड़ कर की थी। जिसके लियें उन्हें 70 हजार रुपए गूगल ने दिए थे। जिसके बाद से अब कर वो गूगल की 600 गलतियां ढूंढ चुके हैं। उसके बाद उन्होंने अपने दोस्त मानस जैन के साथ ‘बग्स मिरर’ नाम से कंपनी बनाकर यही काम शुरू कर दिया।

सैमसंग और एप्पल की भी सुधारी हे गलतियां:
उन्होनें सैमसंग और एप्पल को भी उनकी गलतियां बताई है। आज हमारी कंपनी मिलियन डॉलर की हो चुकी है। अब हम गूगल सैमसंग और एप्पल के लिए काम कर रहे हैं। बग्स फिक्स करने के अलावा प्रोडक्ट सिक्युरिटी ऑडिट भी करते हैं। अब तक हमारे पास इंटरनेशनल क्लाइंट थे अब इंडियन क्लाइंट भी हमारे पास आ रहे हैं।

गूगल ने चुकाये हे 65 करोड़ रुपए:
गूगल ने अपनी रिपोर्ट में इंदौर के अमन पांडेय का खास जिक्र किया है, जो बग्समिरर कंपनी के संस्थापक हैं। गूगल ने पिछले साल अपनी अलग-अलग सेवाओं पर बग की रिपोर्ट करने वालों को 87 लाख डॉलर का भुगतान किया है। गूगल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि बग्स मिरर टीम के पांडेय पिछले साल हमारे शीर्ष शोधकर्ता रहे हैं। उन्होंने पिछले साल 232 बग रिपोर्ट किये, उन्होंने 2019 में पहली बार अपनी रिपोर्ट दी थी और तब से अब तक वह एंड्राएड वल्नरेबिलिटी रिवार्ड प्रोग्राम के लिए 280 से अधिक वल्नरेबिलिटी के बारे में रिपोर्ट कर चुके हैं।

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