किसी ने कहा है मजबह, मुल्क और जुबान प्यार को कभी रोक नहीं सकती। इस बात को मोरक्को की फादवा लैमाली ने सच कर दिखाया है। कहां अफ्रीकी देश मोरक्को और कहां भारत। लेकिन एक लड़की की मोहब्बत में 8000 किलोमीटर भी कम पड़ गया। फादवा को मध्य प्रदेश के ग्वालियर के अविनाश दोहरे से प्यार हो गया। सोशल मीडिया के जरिए उसकी पहचान अविनाश से हुई। ‘हां’ बोलने से पहले फादवा ने अविनाश को अच्छी तरह परखा। मगर जैसे ही परिवारों को उनके शादी के फैसले के बारे में पता चला, हंगामा खड़ा हो गया। मगर फादवा और अविनाश ने एक दूसरे का साथ नहीं छोड़ा।
फादवा और अविनाश की मुलाकात इंस्टाग्राम पर हुई थी। फादवा अंग्रेजी मिक्स अरबी बोलती थी। अविनाश को कंसेल्टेंसी में काम करने का फायदा हुआ और वह उसकी जुबान समझ गया। फिर दोनों में दोस्ती हो गई। अपने प्यार को सही साबित करने के लिए फादवा ने तीन साल मेहनत की। परिवार को हर जायज तरीके से समझाया। बेटी की जिद्द के आगे परिवार भी झुक गया। पिता की रजामंदी के बाद फादवा करीब 4 महीने पहले भारत आ गई। यहां भी उसकी परेशानियां कम नहीं हुई। उसने कानूनी पेचीदगियों का सामना किया और प्यार की जंग फतह की।
फादवा भारत और उसकी संस्कृति के बारे में जानने-समझने लगी। एक दूसरे को जानने-परखने के बाद शादी का फैसला लिया और इस पर कायम रहे।
अविनाश ने फादवा के पिता को भरोसा दिलाया कि ना तो वो अपना देश और धर्म छोड़ेगा और ना ही फादवा पर कभी धर्म परिवर्तन का दबाव बनाएगा। वह जैसे मोरक्को में थी, भारत में भी वैसे ही आजाद रहेगी। फादवा लैमाली का परिवार इस शादी के लिए राजी नहीं था। उसके पिता ने अविनाश से भारत छोड़ने मोरक्को में सैटल होने की बात कही। अविनाश की बात पर जब फादवा के परिवार को विश्वास हुआ, उन्होंने हां कर दी। मोरक्को की मुस्लिम युवती फादवा ग्वालियर की एक यूनिवर्सिटी में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही हैं।