जामुन का पेड़ बहुत ऊंचा होता है लेकिन इसके फल विभिन्न प्रकार के रोगों को भगाने में रामबाण सिद्ध होते हैं। इस पेड़ की मंजरी वैशाख (मार्च-अप्रैल) में अपनी छटा बिखेरती है। उसके बाद लगभग जून-जुलाई में फल लगते हैं। बरसात के दौरान फल भी फूलने लगते हैं। इसकी छाल ऊपर से काली और भीतर से सफेद होती है।
जामुन के गुण: गुठली को पानी में घिसकर लगाने से फोड़े फुंसी दूर होते हैं। जामुन की पत्तियों के रस को शहद के साथ प्रयोग करने से खूनी पेचिश ठीक हो जाती है। इसकी पत्ती का रस बिच्छू का दंश कम करता है। बहुत से लोग जामुन का सिरका बनाकर भोजन के साथ खाते हैं। यह पेट के तमाम रोगों को नष्ट करता है। जामुन की दातुन करने से दांत मजबूत होते हैं। दांतों का हिलना, पायोरिया तथा कमजोरी आदि भी दूर हो जाती है। जामुन के पेड़ की छाल में मध्यम श्रेणी के एंटीबायोटिक गुण भी पाए गए हैं।
जामुन में अनेकानेक गुण पाए जाते हैं। इसकी छाल खट्टी, कसैली, मलरोधक, पाक में मधुर, रूखी, रुचिकारक और पित्त-दाह, कण्ठ रोग, कृमि रोग, श्वास रोग, अतिसार, खांसी, रक्त विकार, कफ तथा व्रण नाशक होती है। जामुन का फल भारी, मलरोधक, कसैला, मीठा, रूखा, बादी, स्वभाव से ठंडा, मंदाग्नि कारक तथा कफ-पित्त नाशक है। जामुन की गुठली में भी लगभग यही गुण पाए जाते हैं।
जामुन के प्रकार: जामुन दो प्रकार के होते हैं। जंगली जामुन का फल कुछ खट्टा तथा आकार में छोटा और गोल होता है। लेकिन फरेंदा जामुन का फल बड़ा तथा मीठा होता है। जामुन के पेड़ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसकी लकड़ी पानी में नहीं सड़ती। इसलिए इसकी लकड़ी नाव बनाने के काम में आती है।
पोषक तत्व: केन्द्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान, लखनऊ के अनुसार 100 ग्राम जामुन में पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार हैं।
- 62 किलो कैलोरी ऊर्जा
- 12 मिलीग्राम लोहा
- 15 मिलीग्राम कैल्शियम
- 15 मिलीग्राम फॉस्फोरस
- 18 मिलीग्राम विटामिन ‘सी’
- 48 माइक्रोग्राम कैरोटीन
- 55 मिलीग्राम पोटैशियम
- 35 मिलीग्राम मैग्नेशियम
- 26.2 मिलीग्राम सोडियम
उपचार की क्षमता: जामुन एक ऐसा फल है जो सीधे तौर पर उपचार की क्षमता रखता है। उदाहरणार्थ मधुमेह रोग से बचाव के लिए जामुन एक उत्कृष्ट फल है। जामुन का फल, बीज (गुठली), छाल तथा जड़ आदि सभी में अमृत की धाराएं मौजूद हैं। यह भारतीय परिवार और समाज का प्रचलित फल है किन्तु आधुनिक शोधों से जामुन का महत्व अधिक बढ़ गया है। अनेक देशी नुस्खों में जामुन का प्रयोग होता है।