राफेल की तुलना पाकिस्तान के JF-17 थंडर फाइटर जेट से नहीं की जा सकती। क्योंकि यहां हमारा स्वदेशी लाइट फाइटर जेट तेजस ही इस फाइटर जेट को टक्कर दे सकता है। लेकिन राफेल से तुलना इसलिए जरूरी है क्योंकि राफेल के भारत आने के बाद से चीन और पाकिस्तान इससे निपटते रहे हैं।
पाकिस्तानी वायु सेना के एक प्रवक्ता ने अंतरराष्ट्रीय मीडिया को बताया है कि अगली पीढ़ी के JF-17 थंडर ब्लॉक 3 को चीन ने हमारे साथ मिलकर बनाया है। इसे 23 मार्च को पाकिस्तान की सैन्य परेड में शामिल किया जाएगा। चीन ने इस लड़ाकू विमान के उड़ान परीक्षण पूरे कर लिए हैं। पहला बैच मार्च के अंत तक पाकिस्तान पहुंचा दिया जाएगा।
JF-17 थंडर ब्लॉक 3 एक अत्याधुनिक, हल्का, हर मौसम में बहु-भूमिका वाला लड़ाकू विमान है। इसे हवा से हवा और हवा से जमीन तक लड़ने के लिए बनाया गया है। यह संयुक्त रूप से पाकिस्तान एयरोनॉटिकल कॉम्प्लेक्स और चेंगदू एयरक्राफ्ट इंडस्ट्री कॉरपोरेशन चीन द्वारा बनाया गया है।
राफेल की लड़ाकू त्रिज्या की सीमा 3800 KM है। लड़ाकू रेंज 1850 किलोमीटर है। जबकि जेएफ-17 थंडर ब्लॉक 3 की मारक क्षमता 3500 से 3840 किलोमीटर है, लेकिन लड़ाकू रेंज 1500 से 1800 किलोमीटर है। राफेल की क्षमता यहां अधिक है। कॉम्बैट रेडियस वह दूरी है जिस पर एक विमान अपने बेस स्टेशन से लौटकर सफलतापूर्वक हमला कर सकता है। राफेल हवा में 304.8 मीटर प्रति सेकेंड की रफ्तार से ऊपर उठता है। जबकि जेएफ-17 थंडर ब्लॉक 3 की चढ़ाई की दर 300 मीटर प्रति सेकेंड है।
राफेल में तीन तरह की मिसाइलें होंगी। हवा से हवा में मार करने वाली उल्का मिसाइल। हवा से जमीन पर मार करने वाली स्कैल्प मिसाइल। तीसरा है हैमर मिसाइल।राफेल में उल्का मिसाइल 150 किलोमीटर तक मार सकती है, स्कैल्प मिसाइल 300 किलोमीटर तक मार सकती है। ये मिसाइलें आसमान से जमीन पर मार करने में कारगर हैं।हालांकि चीन का JF-17 जेट 6 तरह की हवा से हवा में, 5 तरह की सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल और 5 तरह की एंटी-शिप मिसाइल ले जा सकता है। या इन तीनों को मिलाकर बनाया जा सकता है।